सीकर। फतेहपुर तहसील क्षेत्र के गांव किशनपुरा के रामदेव सिंह, भोमसिंह, बनवारीलाल और महेश कुमार ने अपने पिता के द्वादषी पर मृत्युभोज को लेकर बड़ा फैसला किया है। परिवार सदस्य जितेंद्र के बताए अनुसार उनका परिवार अब आगे से कभी भी मृत्युभोज नहीं करेगा, और इसके साथ ही आगे से इस तरह की किसी भी गतिविधि में किसी भी तरह से शामिल नहीं होगा। परिवार के लोगों द्वारा सर्वसम्मति से मृत्युभोज पूर्ण रूप से बन्द करने निर्णय लिया गया।
बता दें कि 17 सितंबर को पन्नाराम पूनिया का 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। स्वर्गीय पन्नाराम पूनिया खुद अनपढ़ थे, लेकिन उन्होंने अपने बेटों को पढ़ाया, उनका बड़ा बेटा रामदेव सिंह, नागौर में जिला शिक्षा अधिकारी है तो मंझला बेटा भोमसिंह सेना से रिटायर है, और छोटा बेटे का जोधपुर में व्यापार है। वहीं छोटे भाई चुन्नीलाल का बेटा महेश कुमार भी सेना में अपनी सेवा दे रहा है।
हमसे बात करते हुए उनके ज्येष्ठ पुत्र रामदेव सिंह ने बताया कि “हमारे गाँव में मृत्युभोज न करने की शुरुआत उन्हीं ने की है, मैंने अपने सभी भाई और परिवारवालों को एकमत करके समाज के सामने अपनी बात रखी, जिसका समाज से भी समर्थन मिला और आगे से मृत्युभोज न करने का वादा किया।”
उनके छोटे भाई चुन्नीलाल पूनिया ने बताया कि उनकी तहसील में मृत्युभोज आम बात है। उन्होंने खुद अपने माता-पिता का मृत्युभोज किया था, लेकिन खुद ने कभी किसी मृत्युभोज में पानी तक नहीं पिया। उनको यह रिवाज बहुत खलता था, इसलिये उन्होंने बंद करने के लिए बिना समय गंवाएं हामी भर दी।