जयपुर: बीजेपी के मंत्री-विधायकों को अपने फोन कॉल अब खुद रिसीव करने होंगे। कार्यकर्ताओं की नाराजगी ओर राज्यभर से मिले फीडबैक के बाद पार्टी आलाकमान ने सख्ती दिखाते हुए प्रदेश के सभी विधायकों को निर्देश दिए है कि सभी मंत्री-विधायक अपना फोन खुद उठाएं। फोन पीए को न दें, और न ही उनका फोन पीए उठाए। मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर ने सभी 159 बीजेपी के विधायकों को संदेश भिजवाया है। संदेश में कहा कि कुछ महीनों बाद चुनाव होने है, इसलिए अपना फोन खुद उठाएं।
एक नम्बर संगठन को, एक निजी…
सरकार के अधिकतर मंत्री-विधायकों के पास दो-दो नम्बर है। जिनमे से एक नम्बर बीजेपी संगठन को दे रखा है और दूसरा निजी रखा हुआ है। संगठन के पदाधिकारी जिन नम्बरों पर फोन करते हैं तो वह नम्बर पीए के पास होता है। एेसे में मंत्री-विधायकों से सीधे बात नहीं हो पाती।
यह किया मैसेज…
भाजपा के केन्द्रीय संगठन मंत्री के निर्देशानुसार विधायक दल के सभी सदस्यों, मंत्री, राज्य मंत्री, संसदीय सचिव चुनाव तक फोन अपने ही पास रखें और आने वाले फोन खुद सुनें। फोन निजी सचिव या निजी सहायक को न दें। केन्द्रीय कार्यालय समय-समय पर किसी को भी कॉल कर सकता है। इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाए।
हो रही थी टालमटोल…
पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में कई मंत्रियों-विधायकों की एेसी छवि बन गई थी कि वे फोन नहीं उठाते। उनके पीए बात कर कार्यकर्ताओं को टाल देते है। कई मंत्री तो विधायकों का भी फोन नहीं उठाते। दिल्ली आलाकमान तक भी ऐसी शिकायतें पहुंची है।