पयन्नूर। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को केरल के पयन्नूर में शुरू हुई जनरक्षा यात्रा में लोगों को सम्बोधित करते हुए राज्य की सीपीएम सरकार के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया है। शाह ने जोरदार हमला करते हुए कहा कि जब से राज्य में सीपीएम सत्ता में आई है, तब से राजनीतिक हिंसा का दौर शुरू हो गया है।
कम्युनिस्ट पार्टी को आत्ममंथन की दी सलाह-
अमित शाह ने केरल के मुख्यमंत्री पर तीखा हमला हुए कहा कि वे जितनी भी हिंसा फैलाएंगे, राज्य में उतना ही ज्यादा कमल खिलेगा। राज्य में 120 से ज्यादा बीजेपी कार्यकर्ता शहीद हो गए हैं। उन्होंने कहा कि शहीदों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी और पार्टी इस लड़ाई को जीतकर दिखाएगी।
बीजेपी अध्यक्ष ने कम्युनिस्ट पार्टी को आत्ममंथन की सलाह दी। शाह ने कम्युनिस्ट पार्टी के शासन पर सवाल उठाते हुए बोले कि पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में लंबे समय तक कम्युनिस्ट पार्टी का शासन रहने के बाद यहां की हालत देखें। विकास के मामलों में ये अन्य पड़ोसी राज्यों से बहुत पीछे छूट गया है। उन्होंने बताया कि पयन्नूर से त्रिवेंद्रम तक वामपंथी हिंसा के खिलाफ केरल की जनता को एकजुट करने के लिए बीजेपी जनरक्षा यात्रा कर रही है।
84 लोगों की हत्या के जिम्मेदार मुख्यमंत्री…..
केरल के मुख्यमंत्री के गृह जिले कुन्नूर में अमित शाह ने बताया कि इस जनरक्षा यात्रा को कन्नूर से निकालने का खास मकसद है। यह जिला केरल के सीएम पिनरायी विजयन का है और यहां वाम सरकार बनने के बाद सबसे ज्यादा हिंसा हुई है। अमित शाह ने कहा कि केरल शांति की धरती है लेकिन आज यह भूमि रक्तरंजित हो गई है। जब से केरल में लेफ्ट गठबंधन की सरकार सत्ता में आयी है तब से हिंसा बढ़ गई है। अमित शाह ने केरल के मुख्यमंत्री पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि जब केरल के मुख्यमंत्री के जिले में 84 लोगों की हत्या हो जाती है तो इसकी जिम्मेदारी क्या राज्य की कम्युनिस्ट सरकार और मुख्यमंत्री की नहीं है। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि देश में जहाँ-जहाँ भी कम्युनिस्ट की सरकार है वहॉँ हिंसा का दौर चल रहा है।
हिंसा का कोई रंग नहीं होता, मानवाधिकार कार्यकर्ता इसमें भेद न करें-
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने देश में फैले तथाकथित ह्यूमन राइट्स वालों को भी आड़े हाथ लेते हुए कटाक्ष भरे अंदाज में सवाल किया कि मानवाधिकार कार्यकर्ता केरल की हिंसा के खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठाते हैं। उन्होंने कहा, हिंसा का कोई रंग नहीं होता, मानवाधिकार कार्यकर्ता इसमें भेद न करें।
शाह ने कहा कि जब केरल राज्य में जनरक्षा यात्रा के लिये कार्यकर्ता यात्रा लेकर निकलेंगे तो कोई न कोई केंद्रीय मंत्री या केंद्रीय नेता इस ‘शहीद मार्च’ में जरूर शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी 16 अक्टूबर तक बीजेपी के कार्यकर्ता सीपीएम के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर विरोध प्रदशन करेंगे। साथ ही हर राज्य की राजधानी में एक दिन यात्रा निकालकर कम्युनिस्ट हिंसा का विरोध करेंगे। अमित शाह ने कहा कि जनरक्षा यात्रा केवल केरल के कार्यकर्ताओं की नहीं, देशभर के लगभग 11 करोड़ भाजपा कार्यकर्ताओं की यात्रा है।
बीजेपी पर पिनरायी विजयन ने किया पलटवार-
केरल मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पलटवार करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रियों को संघीय ढांचे के सिद्धांत का पालन करना चाहिए। केरल के मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी नेता ऐसी टिप्पणी इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि दक्षिणी राज्य में संघ का एजेंडा लागू नहीं हो पा रहा है। इससे बीजेपी और संघ के लोग बौखलाए हुए हैं। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि भाजपा के मंत्रियों और संघ के नेताओं को केरल को बदनाम करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमित शाह और बीजेपी के नेताओं को अपने समर्थकों से पूछना चाहिए कि डीवाईएफआई कार्यकर्ता की हत्या क्यों हुई। वहीँ माकपा महासचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने प्रकाश जावड़ेकर को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्हें अध्ययन करना चाहिए कि मार्क्सवाद क्या है।