नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने बुधवार को कहा कि बीजेपी शासित एमसीडियों के पास कचरा निस्तारण की कोई ठोस योजना नहीं है। जिससे नगर निगमों में सत्ता चला रहे बीजेपी के नेताओं के संग मिलकर दिल्ली सरकार कूड़े पर काम कर सकती है।
पार्टी नेता दिलीप पांडेय ने कहा कि नगर निगमों के पास सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का कोई प्लान ही नहीं है। सिर्फ तीन लैंडफिल साइट्स से ही एमसीडी काम चला रही थी, जो तय मानकों से कहीं ज्यादा ऊंचाई पर है, जिसकी वजह+- से गाजीपुर जैसा हादसा भी पेश आया।
पांडे ने बताया कि दिल्ली बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष दिल्ली के सीएम से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन यह समझ से बहुत दूर है कि वे ऐसा किसलिए और क्यों कर रहे हैं? क्योंकी दिल्ली सरकार का इसमें कोई किरदार नहीं है।
‘आप’ नेता के बताये अनुसार नई लैंडफिल साइट्स के लिए डीडीए को जमीन आवंटित करनी है। साइट्स का निर्माण नगर निगमों में सत्ताधारियों को करना है। लेकिन बड़ी हैरानी करने और चोंकाने वाली बात यह है कि डीडीए और एमसीडी की इस संबंध में एक भी बैठक नहीं हुई है। दिल्ली सरकार की दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) बेहतर कचरा प्रबंधन में एमसीडी की सहायता करने के लिए तैयार है।
महत्वपूर्ण सुझाव
– विद्यालय, यूनिवॢर्सीटी व होटलों में छोटे-छोटे कॉम्पोस्टिंग प्लांट बनाए जा सकते हैं, ताकि वहां से जो भी कचरा एकत्रित हो, उसे वहीं पर रीसाइकिल किया जा सके।
– भिन्न-भिन्न कलर के कचरापात्रों को स्थापित कर लोगों को जागरूक किया जाए, ताकि कचरे को निचले लेवल पर ही अलग कर सके ताकि उसके निस्तारण में दिक्कत न हो।
Delhi Waste Management
– कुड़े के निस्तारण को लेकर एक विकेंद्रीकरण की योजना वार्ड, उपखण्ड व जिला स्तर पर बने, जिसमें कुड़े को वहीं पर ही ट्रीट किया जा सके। उसी स्तर पर ही कूड़े को इकट्ठा करने की छोटी-छोटी लोकेशन भी बनाई जानी चाहिए, जो सीधा स्कूल, यूनिवर्सीटी के उन कॉम्पोस्टिंग प्लांट्स से जुड़ी हों।
– राजघाट स्थित पावर प्लांट को स्टेट ऑफ द आर्ट वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के रूप में तैयार किया जा सकता है, जो यूरोपियन उत्सर्जन मानदंडो के आधार पर हो जो तकरीबन 6 हजार मीट्रिक टन कचरे को ट्रीट कर सकता हो।
– गौशालाओं से पैदा होने वाले वेस्ट को गैर-प्रदूषित ईंधन में तब्दील किया जा सकता है।
– कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन से निकले ईंट, पत्थर का सही तरीके से उपयोग किया जा सकता है।
तिवारी ने केजरीवाल से मिलने की पहल की….
वहीं हाल ही में गाजीपुर में हुए हादसे के का बाद अब दिल्ली भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिख समस्याओं के समाधान निकालने के लिए मुलाकात करने का वक्त मांगा है। इसके अलावा मनोज तिवारी ने यह भी बताया कि उन्होंने कई बार दिल्ली के मुख्यमंत्री से बात करने की कोशिश कर चुके है लेकिन हमेशा असफल रहे है।
चिट्ठी में किया इन समस्याओं का जिक्र –
– अनियमित कॉलोनी, झुग्गी बस्ती और दिल्ली देहात में पानी की कमी का होना।
– दिल्ली में सीवर व्यवस्था और सफाई कर्मियों के काम में अधिकारियों की लापरवाही का सामने आना।
– सरकारी अस्पतालों में दवाई और ईलाज का ठीक से ना मिलना।
– कूड़े की लैंडफिल साइट के चलते पूर्वी दिल्ली में सफाई की खराब होती स्थिति।
– दिल्ली की ज्यादातर कॉलोनियों को सही करने में देरी होना।
– नगर निगम में आर्थिक संसाधनों के जारी होने में समय लगना।
– गेस्ट टीचर्स और सरकारी विभाग में अस्थायी कर्मचारियों की नियमित करने जैसी बातों का जिक्र किया गया है।