राजस्थान चुनाव मे अब ट्रांसजेंडर समुदाय भी टिकट पाने की होड़ मे !!
राजस्थान मे ट्रांसजेंडर समुदाय समाज मे उनसे होने वाले भेदभाव को कम कर सामाजिक स्वीकृति पाने की हर कोशिश मे जुटा हुआ है, जिसके चलते समुदाय राजस्थान मे आने वाले विधानसभा चुनाव मे भागीदारी और प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद रखता है| समुदाय ने हाल ही मे गंगा कुमारी का राज्य मे पहली ट्रांसजेंडर पुलिस के रूप मे चयन होने पर जश्न मनाया है|
जोधपुर के एक ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता कांता भुआ का कहना हैं, “हर कोई आशीर्वाद के लिए हमारे पास आता है, लेकिन वे ये नहीं चाहते कि हम समय के साथ आगे बढ़े” कांता भुआ ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने हमें तीसरे लिंग के रूप में स्वीकृति दी, लेकिन हमें सामाजिक और सरकारी स्वीकृति की आवश्यकता है। अगर हम पंचायत से विधानसभा तक शासन के सभी पदों पर प्रतिनिधित्व प्राप्त करते हैं तो यह संभव हो सकता है।”
समुदाय अपने लिए अनुसूचित और अन्य पिछड़ा वर्ग जातियों की तर्ज पर आरक्षण चाहता है|
ट्रांसजेंडर समुदाय की तरफ से राजनीति मे भाग लेने के पहले भी कई असफल प्रयास हुए है| 2008 मे सुशीला किन्नर किशनगढ़ विधानसभा क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हे हार का सामना करना पढ़ा| 2014 के नगरपालिका चुनावों मे रीना किन्नर ने कोटा से फिर से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप मे चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा|
पुष्पा किन्नर ने कहा, “जब हर पिछड़ा वर्ग को मुख्यधारा में लाया जा सकता है, तो हमे क्यूँ नही| हम राजनीतिक टिकट मांग रहे हैं क्योंकि यह हमारी मज़बूती साबित करने और समाज में स्वीकार्यता पाने का सबसे तेज़ तरीका होगा।”
राजस्थान सरकार ने ट्रांसजेंडर के लिए सरकारी आवास योजनाओं, बहुउद्देश्यीय पहचान पत्र और कौशल विकास कार्यक्रमों में 2 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी। लेकिन इस कदम को अभी तक लागू नहीं किया गया है सुप्रीम कोर्ट ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दे चुका है और निर्देश दिया कि उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) माना जाए|